कंजूस- मखीचूस – Miser-Miser
कहावतों की दूनिया बडी रोचक होती है। एक वाक्य या वाक्यांश में पूरी की पूरी बात कह देना। मगर कभी सोचा है कि इन कहावतों के पीछे और क्या और कैसी कहानियां बनी- छुपी रहती हैं। ऎसी ही एक कहानी याद आ गई इस कहावत की। एक आदमी था, बेहद कंजूस। कभी किसी को nऐ घी कुछ खिलाता- न पिलाता। ख़ुद भी कभी उनके यहाँ नहीं जाता कि किसी के यहाँ कुछ खा पी लेने पर लोग उसे भी खिलाने-पिलाने को कहेंगे।
यह भी पढे – इंदिरा गांधी – Indira Gandhi
एक बार उसकी मा ने उसे बाज़ार से घी लाने को कहा। घी ले कर जब वह लौट रहा था, टैब अचानक एक मक्खी घी के कटोरे में गिर पडी। कंजूस को बड़ा गुस्सा आया। उसने मारे गुस्से के मक्खी को कटोरे से बाहर निकाला और झटके से उसे फेंकना चाहा कि एकदम से रुक गया। उसने मक्खी की और देखा। उसके पूरे बदन पर घी लिपटा हुआ था। इतने घी का नुकसान?
यह भी पढे – शरद ऋतु – Winter Season
उसने उस माखी को मुंह में रख लिया। सारा घी चूस लेने के बाद उसने उसे मुंह से बाहर निकाल कर फेंक दिया और घर की और चल पड़ा। वह खुश था कि उसने घी का नुकसान नही होने दिया। संयोग की बात, कि जिस समय वह यह सब कर रहा था, उसके गाँव के एक आदमी ने उसे ऐसा करते देख लिया। बस, तभी से उसका नाम न केवल कंजूस -मक्खीचूस पड़ गया, बल्कि बेहद कंजूस को इसी नाम से पुकारे जाने का रिवाज़ ही चल पडा।
Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।
Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.
यह भी पढे –
- मेरा प्रिय लेखक – My Favorite Writer
- शिक्षा और परीक्षा – Education And Examination
- छरवाजा – Chharvaja
- शहर के जीवन – City Life
- आनंद की तलाश में भटकता आदमी – Man Wandering In Search Of Happiness
सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories: