आप हाथी नहीं इंसान हैं। – Aap Hathi nahi Insaan Hai
आज हिन्दी नगरी आपके लिए लाया है एक नई कहानी आप हाथी नहीं इंसान है / Aap Hathi nahi Insaan Hai।
वैसे तो मनुष्य का मस्तिष्क बहुत ही ज्यादा तेज होता है मगर कभी-कभी कुछ भ्रांतिया हमारे मस्तिष्क मे ऐसे बैठ जाती है जिनसे हम आजीवन छुटकारा नहीं पा पाते है । अगर हमे किसी चुनौती मे असफलता मिलती है तो हम यह मान कर बैठ जाते है की अब ये चुनौती मुझसे कभी पूर्ण ही नहीं हो पाएगी।
यह कहानी हाथियों की मानसिकता की है जो छोटी उम्र से मान लेते है कि वो रस्सी को कभी भी तोड़ कर नहीं जा सकते है ।
हमे पूरा भरोसा है कि आप इस कहानी को पढ़ कर यह बात समझ जाएंगे कि हमे अपने मस्तिष्क मे भ्रांतियों को जन्म नहीं देना चाहिए।
आप हाथी नहीं इंसान हैं।
एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया।
उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे इस बात का बड़ा अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं।
ये स्पष्ठ था कि हाथी जब चाहते तब अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से वो ऐसा नहीं कर रहे थे।
उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास नही कर रहे हैं ?
तब महावत ने कहा, ” इन हाथियों को छोटे पर से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है, उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती की इस बंधन को तोड़ सकें।
बार-बार प्रयास करने पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है कि वो इन रस्सियों को नहीं तोड़ सकते,और बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते।
आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में यकीन करते हैं।
इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं।
सत्य कथन
यदि आपको लगता है कि यह काम करेगा, तो आप अवसर देखेंगे । यदि आपको लगता है कि यह नहीं होगा, तो आप बाधाएं देखेंगे ।
If You Believe it will work, you’ll see opportunities. If you believe it won’t, you will see obstacles.