दोस्त का जवाब – Dost Ka Jawab
आज हिन्दी नगरी आपके लिए लाया है एक नई कहानी दोस्त का जवाब / Dost Ka Jawab ।
जब कोई हमारे लिए अच्छे काम करता है तो हम उसे भूल देते है बल्कि हमेशा उसकी गलती को याद किए रहते है परंतु हमे हमेशा दूसरों के द्वारा किए गए अच्छे कामों को याद रखना चाहिए और उनसे हुई गलती को भुला देना चाहिए ।
यह कहानी दो दोस्तों की है जिसमे हमे बताया गया है कि हमे दूसरों की गलतिओ को क्षमा कर देना चाहिए और उनके द्वारा किए गए उपकारों को याद रखना चाहिए ।
हमे पूरा भरोसा है कि यह कहानी आपको सिखाएगी कि हमे दूसरों के अच्छे कामों को सदैव याद रखना चाहिए।
दोस्त का जवाब
बहुत समय पहले की बात है , दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे।
गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो बीच -बीच में रुकते और आराम करते।
उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की भी कुछ चीजें रखी हुई थीं।
जब दोपहर में उन्हें भूख लगी तो दोनों ने एक जगह बैठकर खाने का विचार किया।
खाना खाते – खाते दोनों में किसी बात को लेकर बहस छिड गयी और धीरे -धीरे बात इतनी बढ़ गयी कि एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया।
पर थप्पड़ खाने के बाद भी दूसरा दोस्त चुप रहा और कोई विरोध नहीं किया, बस उसने पेड़ की एक टहनी उठाई और उससे मिटटी पर लिख दिया “आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा”।
थोड़ी देर बाद उन्होंने पुनः यात्रा शुरू की , मन मुटाव होने के कारण वो बिना एक -दूसरे से बात किये आगे बढ़ते जा रहे थे कि तभी थप्पड़ खाए दोस्त के चीखने की आवाज़ आई , वह गलती से दलदल में फँस गया था …दूसरे दोस्त ने तेजी दिखाते हुए उसकी मदद की और उसे दलदल से निकाल दिया।
इस बार भी वह दोस्त कुछ नहीं बोला उसने बस एक नुकीला पत्थर उठाया और एक विशाल पेड़ के तने पर लिखने लगा ” आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई ”।
उसे ऐसा करते देख दूसरे मित्र से रहा नहीं गया और उसने पूछा , “ जब मैंने तुम्हे पत्थर मारा तो तुमने मिटटी पर लिखा और जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुम पेड़ के तने पर कुरेद -कुरेद कर लिख रहे हो , ऐसा क्यों ?”
तब पहले दोस्त ने कहा , जब कोई तकलीफ दे तो हमें उसे अन्दर तक नहीं बैठाना चाहिए ताकि क्षमा रुपी हवाएं इस मिटटी की तरह ही उस तकलीफ को हमारे जेहन से बहा ले जाएं।
लेकिन जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करे तो उसे इतनी गहराई से अपने मन में बसा लेने चाहिए कि वो कभी हमारे जेहन से मिट ना सके।
सत्य कथन
दूसरों की सेवा मे रहते हुए जीवन केवल जीने लायक है ।
Only a life lived in the service to others is worth living.