~Advertisement ~

मायावी घटोत्कच – elusive Ghatotkacha

भीमसेन का विवाह हिडिंबा नाम की एक राक्षसी के साथ भी हुआ था|

वह भीमसेन पर आसक्त हो गई थी और उसने स्वयं आकर माता कुंती से प्रार्थना की थी कि वे उसका विवाह भीमसेन के साथ करा दें|

कुंती ने उस विवाह की अनुमति दे दी, लेकिन भीमसेन ने विवाह करते समय यह कवच उससे ले लिया कि एक संतान पैदा होने के पश्चात वह संबंध तोड़ लेगा|

भीमसेन ने कुछ दिन तक हिडिंबा के साथ सहवास किया, इससे वह गर्भवती हो गई और उसके गर्भ से एक बड़ा विचित्र बालक पैदा हुआ, जिसका मस्तक हाथी के मस्तक जैसा और सिर केश-शून्य था|

इसी कारण उसका नाम घटोत्कच (घट=हाथी का मस्तक और उत्कच=केशहीन) पड़ा|

चूंकि घटोत्कच की माता एक राक्षसी थी, पिता एक वीर क्षत्रिय था, इसलिए इसमें मनुष्य और राक्षस दोनों के मिश्रित गुण विद्यमान थे|

यह बड़ा क्रूर और निर्दयी था|

पाण्डवों का बड़ा आत्मीय था|

पांचों भाई इसको अपना पुत्र समझकर प्यार करते थे, इसलिए यह उनके लिए मर-मिटने को सदैव तत्पर रहता था|

महाभारत युद्ध के बीच इसने अपना पूर्ण पौरुष दिखाया था|

देखा जाए तो इसने वह काम किया, जो एक अच्छे से अच्छा महारथी नहीं कर पाता|

कर्ण सेनापति बनकर कौरवों के पक्ष से युद्ध कर रहा था|

वह बड़ा अद्भुत योद्धा था|

उसके पास इंद्र की दी हुई ऐसी शक्ति थी जिससे वह किसी भी पराक्रमी से पराक्रमी योद्धा को मार सकता था, वह शक्ति कभी खाली जा ही नहीं सकती थी|

वैसे कर्ण की निगाह अर्जुन पर लगी हुई थी|

वह उस शक्ति के द्वारा अर्जुन का वध करना चाहता था|

श्रीकृष्ण इसको समझते थे, इसी कारण उन्होंने घटोत्कच को रण-भूमि में उतारा|

इस राक्षस ने आकाश से अग्नि और अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्र बरसाना, आरंभ किया, उससे कौरव-सेना में हाहाकर मच उठा|

सभी त्राहि-त्राहि करके भागने लगे|

कर्ण भी इसकी मार से घबरा गया|

उसने अपनी आखों से देखा कि इस तरह तो कुछ ही देर में सारी कौरव सेना नष्ट हो जाएगी, तब लाचार होकर उसने घटोत्कच पर उस अमोघ शक्ति का प्रयोग किया|

उससे तो कैसा भी वीर नहीं बच सकता था|

अत: घटोत्कच क्षण-भर में ही निर्जीव होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा|

यह भी पढे – कौन बडा – Kaun Bada (हिन्दी कहानी / Hindi Kahani)

यह भी पढे – कैसे पड़ा हनुमान नाम। – How did the name Hanuman come about?

श्रीकृष्ण को इससे बड़ी प्रसन्नता हुई|

पाण्डवों को उसकी मृत्यु से दुख हुआ था, लेकिन श्रीकृष्ण ने सारी चाल उनको समझाकर उन्हें संतुष्ट कर दिया|

Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।

Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.

यह भी पढे –

सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories:

Get it on Google Play