तारीफ भी पड़ गयी महंगी! – Even Praise Proved Costly!
एक आदमी की शादी को 20 साल हो गए थे लेकिन उसने आज तक अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ नहीं की।
एक दिन जब वो दफ्तर से घर वापस आ रहा था तो रास्ते में उसे एक बाबा मिले। बाबा ने उस आदमी को रोका और कुछ खाने को माँगा तो आदमी ने बाबा को खाना खिला दिया। बाबा आदमी से बहुत प्रसन्न हुए तो उन्होंने आदमी से कहा कि अगर उसे कोई समस्या है तो बताओ, हम उसका हल कर देंगे।
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आदमी बोला, “बाबा जी, बहुत समय से कोशिश कर रहा हूँ लेकिन काम में तरक्की नहीं हो रही।”
बाबा: बेटा, तुमने अपनी पत्नी के खाने की कभी तारीफ नहीं की। अपनी पत्नी के खाने की तारीफ करो, तुम्हें अवश्य तरक्की मिलेगी।
आदमी बाबा को धन्यवाद बोल कर चल दिया।
घर पहुँच कर उसकी पत्नी ने खाना परोसा, आदमी ने खाना खाया और खाने की जम कर तारीफ की।
पत्नी एक दम से उठी और रसोई घर से बेलन लेकर आई और आदमी की पिटाई शुरू कर दी।
आदमी: क्या हुआ?
मैं तो तुम्हारे खाने की तारीफ कर रहा हूँ।
पत्नी: 20 साल हो गए आज तक तो खाने की तारीफ नहीं की और आज जब पड़ोसन खाना दे कर गयी है तो तुम्हें ज़िन्दगी का मज़ा आ गया।
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