यमुना के पार गोकुल – Gokul Across Yamuna
जब कृष्ण का जन्म हुआ तो जेल के सभी संतरी माया द्वारा गहरी नींद में सो गए। जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गए। उस वक्त भारी बारिश हो रही थी। यमुना में उफान था। उस बारिश में ही वसुदेव ने नन्हे कृष्ण को एक टोकरी में रखा और उस टोकरी को लेकर वे जेल से बाहर निकल आए। कुछ दूरी पर ही यमुना नदी थी। उन्हें उस पार जाना था लेकिन कैसे?
तभी चमत्कार हुआ। यमुना के जल ने भगवान के चरण छुए और फिर उसका जल दो हिस्सों में बंट गया और इस पार से उस पार रास्ता बन गया।
यह भी पढे – लक्ष्मी जी की मुक्ति – liberation of goddess lakshmi
कहते हैं कि वसुदेव कृष्ण को यमुना के उस पार गोकुल में अपने मित्र नंदगोप के यहां ले गए। वहां पर नंद की पत्नी यशोदा को भी एक कन्या उत्पन्न हुई थी। वसुदेव श्रीकृष्ण को यशोदा के पास सुलाकर उस कन्या को ले गए। गोकुल मां यशोदा का मायका था और नंदगांव में उनका ससुराल। श्रीकृष्ण का लालन-पालन यशोदा व नंद ने किया।
यह भी पढे – हनुमान राक्षस युद्ध – hanuman demon war
गोकुल यमुना के तट पर बसा एक गांव है, जहां सभी नंदों की गायों का निवास स्थान था। नंद मथुरा के आसपास गोकुल और नंदगांव में रहने वाले आभीर गोपों के मुखिया थे। यहीं पर वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी ने बलराम को जन्म दिया था। बलराम देवकी के 7वें गर्भ में थे जिन्हें योगमाया ने आकर्षित करके रोहिणी के गर्भ में डाल दिया था। यह स्थान गोप लोगों का था। मथुरा से गोकुल की दूरी महज 12 किलोमीटर है।
Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।
Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.
यह भी पढे –
- कपटी शकुनि – deceitful omen
- तपस्या का सच – Tapasya Ka Sach (हिन्दी नगरी/ Hindi Nagri)
- क्रिसमस – Christmas
- मारीच और सुबाहु का वध – Killing of Marich and Subahu
- बसन्त पंचमी कथा – Basant Panchami story
सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories: