~Advertisement ~

कंस का वध – Killing Of Kansa

यह भी पढे – हनुमान जी और भीम – Hanuman ji and Bheem

वृंदावन में कालिया और धनुक का सामना करने के कारण दोनों भाइयों की ख्याति के चलते कंस समझ गया था कि ज्योतिष भविष्यवाणी अनुसार इतने बलशाली किशोर तो वसुदेव और देवकी के पुत्र ही हो सकते हैं। तब कंस ने दोनों भाइयों को पहलवानी के लिए निमंत्रण ‍दिया, क्योंकि कंस चाहता था कि इन्हें पहलवानों के हाथों मरवा दिया जाए, लेकिन दोनों भाइयों ने पहलवानों के शिरोमणि चाणूर और मुष्टिक को मारकर कंस को पकड़ लिया और सबके देखते-देखते ही उसको भी मार दिया।

कंस का वध करने के पश्चात कृष्ण और बलदेव ने कंस के पिता उग्रसेन को पुन: राजा बना दिया। उग्रसेन के 9 पुत्र थे, उनमें कंस ज्येष्ठ था। उनके नाम हैं- न्यग्रोध, सुनामा, कंक, शंकु अजभू, राष्ट्रपाल, युद्धमुष्टि और सुमुष्टिद। उनके कंसा, कंसवती, सतन्तू, राष्ट्रपाली और कंका नाम की 5 बहनें थीं। अपनी संतानों सहित उग्रसेनकुकुर-वंश में उत्पन्न हुए कहे जाते हैं और उन्होंने व्रजनाभ के शासन संभालने के पूर्व तक राज किया।

कृष्ण बचपन में ही कई आकस्मिक दुर्घटनाओं का सामना करने तथा किशोरावस्था में कंस के षड्यंत्रों को विफल करने के कारण बहुत लोकप्रिय हो गए थे। कंस के वध के बाद उनका अज्ञातवास भी समाप्त हुआ और उनके सहित राज्य का भय भी। तब उनके पिता और पालक ने दोनों भाइयों की शिक्षा और दीक्षा का इंतजाम किया।

यह भी पढे – लक्ष्मण की वापसी – return of lakshman

Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।

Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.

यह भी पढे –

सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories:

Get it on Google Play