विनम्रता बनाये रखें जीवन में – Maintain Humility In Life
एक चीनी सन्त बहुत बूढ़े हो गए। मरने का समय निकट आया तो उनके सभी शिष्य उपदेश सुनने और अन्तिम प्रणाम करने एकत्रित हुए।
उपदेश न देकर उन्हाेने अपना मुँह खोला और शिष्यों से पूछा-देखो इसमें दाँत है क्या?
शिष्यों ने उत्तर दिया – एक भी नहीं।
दूसरी बार फिर उन्हाेने मुँह खोला और पूछा – देखो इसमें जीभ है क्या?
सभी शिष्यों ने एक स्वर में उत्तर दिया हाँ – है – है।
यह भी पढे – मुल्ला ने कबूला अपना गुनाह – Mulla Confessed His Crime
सन्त ने फिर पूछा – अच्छा एक बात बताओ। जीभ जन्म से थी और मृत्यु तक रहेगी और दाँत पीछे उपजे और पहले चले गए। इसका क्या कारण है?
यह भी पढे – क्योंकि हमारे भीतर अपना कोई चेहरा नहीं है – Because We Have No Face Of Our Own
इस प्रश्न का उत्तर किसी से भी न बन पड़ा।
सन्त ने कहा जीभ कोमल होती है इसलिए टिकी रही। दाँत कठोर थे इसलिए उखड़ गए।
Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।
Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.
यह भी पढे –
- किसकी नेमत – Whose Blessing
- चार मित्र – Four Friends
- रंग में भंग – Disruption In Happiness
- त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग – Trimbakeshwar Jyotirlinga
- डॉक्टर और बीमार चंदू मियां – Doctor And Sick Chandu Mian
सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories: