~Advertisement ~

राम का वनवास – Ram’s exile

राम ने अपने पिता दशरथ एवं माता कैकेयी के चरणस्पर्श किये। राम को देखकर महाराज ने एक दीर्घ श्वास और केवल हे राम! कहा फिर अत्यधिक निराश होने के कारण चुप हो गये। उनके नेत्रों में अश्रु भर आए। विनम्र स्वर में राम ने कैकेयी से पूछा, माता! पिताजी की ऐसी दशा का क्या कारण है?

कहीं वे मुझसे अप्रसन्न तो नहीं हैं?

यह भी पढे – धनतेरस – Dhanteras

यदि वे मुझसे अप्रसन्न हैं तो मेरा क्षणमात्र भी जीना व्यर्थ है।
कैकेयी बोलीं, वत्स! महाराज तुमसे अप्रसन्न तो हो ही नहीं सकते। किन्तु इनके हृदय में एक विचार आया है जो कि तुम्हारे विरुद्ध है। इसीलिये ये तुमसे संकोचवश कह नहीं पा रहे हैं। देवासुर संग्राम के समय इन्होंने मुझे दो वर देने का वचन दिया था। अवसर पाकर आज मैंने इनसे वे दोनों वर माँग लिये हैं। अब तुम्हारे पिता को अपनी प्रतिज्ञा का निर्वाह करने के लिए तुम्हारी सहायता की आवश्यकता है। यदि तुम प्रतिज्ञा करोगे कि जो कुछ मैं कहूँगी, उसका तुम अवश्य पालन करोगे तो मैं तुम्हें उन वरदानों से अवगत करा सकती हूँ।
राम बोले, हे माता! पिता की आज्ञा से मैं अपने प्राणों की भी आहुति दे सकता हूँ। मैं आपके चरणों की सौगन्ध खाकर प्रतिज्ञा करता हूँ कि आपके वचनों का अवश्य पालन करूँगा।
राम की प्रतिज्ञा से सन्तुष्ट होकर कैकेयी ने कहा, वत्स! मैंने पहले वर से भरत के लिये अयोध्या का राज्य और दूसरे से तुम्हारे लिये चौदह वर्ष का वनवास माँगा है। अतः अब तुम अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार तत्काल वक्कल धारण करके वन को प्रस्थान करो। तुम्हारे मोह के कारण ही महाराज दुःखी हो रहे हैं इसलिए तुम्हारे वन को प्रस्थान के पश्चात् ही भरत का राज्याभिषेक होगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम अपनी प्रतिज्ञा का पालन करके अपने पिता को पापरूपी सागर से अवश्य मुक्ति दिलाओगे।
राम ने दुःख और शोक से रहित होकर कैकेयी के वचनों को सुना और मधुर मुस्कान के साथ बोले, माता! बस इस छोटी सी बात के लिये ही आप और पिताजी इतने परेशान हैं?

मैं तत्काल वन को चला जाता हूँ। यही मेरी सत्य प्रतिज्ञा है।
महाराज दशरथ राम और कैकेयी के इस संवाद को सुन रहे थे। इसे सुनकर वे एक बार फिर मूर्छित हो गये। राम ने मूर्छित पिता और कैकेयी के चरणों में मस्तक नवाया और चुपचाप उस प्रकोष्ठ से बाहर चले गये।

यह भी पढे – कैकेयी द्वारा वरों की प्राप्ति – Kaikeyi’s attainment of grooms

Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।

Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.

यह भी पढे –

सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories:

Get it on Google Play