संता और सर्दी – Santa And Winter
एक बार संता को गांव का सरपंच बना दिया गया। गांव वालों ने सोचा कि छोरा पढ़ा-लिखा है, समझदार है, अगर ये सरपंच बन गया तो गांव की भलाई के लिए काम करेगा।
मौसम बदला, सर्दियों के आने के महीने भर पहले गांव वालों ने संता से पूछा – सरपंच साहब इस बार सर्दी कितनी तेज पड़ेगी।
यह भी पढे – सीता की अग्नि परीक्षा – Sita’s ordeal
संता ने गांव वालों से कहा कि मैं आपको कल बताऊंगा। संता तुरंत ही शहर की ओर निकल गया। वहां जाकर मौसम विभाग में पता किया तो मौसम विभाग वाले बोले – सरपंच साहब इस बार बहुत तेज सर्दी पड़ने वाली है।
संता भी दूसरे दिन गांव में आकर ऐसा ही बोल दिया। गांव वालों को विश्वास था कि अपने सरपंच साहब पढ़े-लिखे हैं। शहर से पता करके आये हैं तो सही कह रहे होंगे। गांव वालों की नजर में संता की इज्जत और बढ़ गयी।
तेज सर्दी पड़ने की बात सुनकर गांव वालों ने सर्दी से बचने के लिए लकड़ियां इकट्ठी करनी शुरू कर दी।
महीने भर बाद जब सर्दियों का कोई नामोंनिशान नहीं दिखा तो गांव वालों ने संता से फिर पूछा। संता ने उन्हें फिर दूसरे दिन के लिए टाला, और शहर के मौसम विभाग में पहुंच गया।
मौसम विभाग वाले बोले कि सरपंच साहब आप चिंता मत करो। इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे।
संता ने ऐसा ही गांव में आकर बोल दिया। संता की बात सुनकर गांव वाले पागलों की तरह लकड़ियां इकट्ठी करने लग गए। इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए लेकिन सर्दियों का कोई नामोंनिशान नहीं दिखा। गांव वाले संता के पास आये। संता फिर मौसम विभाग जा पहुंचा।
मौसम विभाग वालों ने फिर वही जवाब दिया कि सरपंच साहब आप देखते जाइये कि सर्दी क्या जुल्म ढाती है। संता फिर से गांव में आकर ऐसा ही बोल दिया। अब तो गांव वाले सारे काम-धंधे छोड़कर सिर्फ लकड़ियां इकट्ठी करने के काम में लग गए। इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए। लेकिन सर्दियां शुरू नहीं हुईं।
गांव वाले संता को कोसने लगे। संता ने उनसे एक दिन का वक्त और मांगा। संता तुरंत मौसम विभाग पहुंचा तो उन्होंने फिर ये जवाब दिया कि सरपंच साहब इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। अब संता का भी धैर्य जवाब दे गया।
संता ने पूछा – आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं।
मौसम विभाग वाले बोले कि सरपंच साहब हम पिछले दो महीने से देख रहे हैं। पड़ोस के गांव वाले पागलों की तरह लकड़ियां इकट्ठी कर रहे हैं। इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है।
यह भी पढे – योद्धा अश्वत्थाम – warrior ashvatham
संता वहीं चक्कर खाकर गिर गया।
Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।
Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.
यह भी पढे –
- किसकी दाढ़ी की आग – Whose Beard Is On Fire
- शुर्पणखा के नाक-कान काट दिए – Shurpanakha’s nose and ears were cut off.
- पार्वती की युक्ति – Parvati’s trick
- भाई जैसा – Like A Brother
- अलभ्य अस्त्रों का दान – donation of rare weapons
सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories: