ग्रीष्म ऋतु – Summer Season
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साल के चारों मौसमों में सबसे गर्म मौसम गरमी का होता है। यह ग्रीष्मकालीन संक्रान्ति के दौरान शुरु होता है, हालांकि इसकी समाप्ति शरद कालीन विषुवत के दिन होती है। दक्षिणी और उत्तरी गोलार्द्ध एक दूसरे की विपरीत दिशा में स्थित है; इसलिए जब दक्षिणी गोलार्द्ध में गरमी होती है, तो उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दी होती है।
ग्रीष्म ऋतु के बारे में तथ्य
ग्रीष्म ऋतु के बारे में कुछ मुख्य तथ्य निम्नलिखित है:
पृथ्वी अपने घूर्ण काल के दौरान जब सूर्य की ओर झुकती है, तो गर्मी का मौसम आता है (अर्थात् गोलार्द्ध के सूर्य की ओर झुकने पर गर्मी और गोलार्द्ध के सूर्य से दूर होने पर सर्दी होती है)।
बच्चे गर्मियों में खुश हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें स्कूल से एकसाथ बहुत सारी छुट्टियाँ मिल जाती है।
दक्षिणी गोलार्द्ध में दिसम्बर, जनवरी और फरवरी भी गर्मी के मौसम है, हालांकि, उत्तरी गोलार्द्ध में जून, जुलाई और अगस्त महीनों में गर्मी का मौसम होता है।
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यह वह मौसम है, जिसमें ज्यादातर लोग अपने घरों से दूर पहाड़ी या ठंडे क्षेत्रों में रहते हैं।
यह साल के सबसे लम्बे और गर्म दिनों को रखता है।
हमें पसंदीदा फल और फसल मिलती है।
ग्रीष्म ऋतु गर्म मौसम क्यों है
यह बहुत अधिक तापमान और शुष्क मौसम होता है, जिसमें हिंसक मानसून भी शामिल रहता है, जो मत्यु दर को बढ़ाने का मुख्य कारण बनता है। इस ऋतु में मौसम उच्च तापमान के कारण अधिक गर्म हो जाता है, जो कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में कमी की वजह से सूखे का कारण बनता है। गर्म हवाएं और तापमान में वृद्धि, दोनों ही इस ऋतु को बहुत अधिक गर्म बनाती है, जो मनुष्य और जंगली जानवरों दोनों के लिए बहुत अधिक परेशानी का निर्माण करता है।
गरमी के मौसम में बहुत सी (मनुष्य और पशुओं दोनों की) मृत्यु शरीर में पानी की कमी के कारण होती है। बीमारी नियंत्रक और रोकथाम केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च ऊष्मीय तरंगे ग्रीष्म ऋतु में गरमी की चरम सीमा का कारण होती है। इसलिए, इस मौसम में सबसे अच्छा अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना चाहिए। विज्ञान की राष्ट्रीय खाद्य अकादमी एवं पोषण बोर्ड के अनुसार, महिलाओं को सामान्य रूप से पानी की 2.7 लीटर मात्रा और पुरुषों को गर्मियों में दैनिक आधार पर 3.7 लीटर पानी लेना चाहिए। यद्यपि, जो लोग अधिक शारीरिक व्यायाम में शामिल रहते हैं उन्हें सामान्य से अधिक पानी लेना चाहिए।
एनओएए के राष्ट्रीय जलवायु केंद्र द्वारा दर्ज किए गए आकड़ों के अनुसार, यह दर्ज किया गया कि, साल 2014 में सबसे अधिक गर्मी थी। नासा के अनुसार, गर्मी के मौसम में साल दर साल ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। और ऐसा लगता है कि, यह बढ़ता हुआ तापमान बहुत शीघ्र ही इस संसार में सभी स्थानों को गरमी के स्थान जैसा बना देगा।
निष्कर्ष:
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि, मनुष्य भगवान द्वारा निर्मित सबसे बुद्धिमान प्राणी है, हमें हमेशा बढ़ते तापमान पर सोचने के साथ ही सकारात्मक रुप से कार्य करना चाहिए। हमें गर्मी के सभी आरामदायक संसाधनों के द्वारा इस मौसम का आनंद लेना चाहिए हालांकि, हमें सीमा का उल्लंघन नही करना चाहिए। हमें सीमा क्षेत्र में रहकर आनंद लेना चाहिए और हमेशा पानी और बिजली की बचत करनी चाहिए। हमें बिजली और पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस पृथ्वी पर साफ पानी बहुत ही कम प्रतिशत में है और बिजली का अनावश्यक प्रयोग भी ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाता है। चलो! हम सभी मिलकर इसके लिए प्रयास करे।
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