Hindi Nibandh
~Advertisement ~

भारत में आतंकवाद – Terrorism In India

मानव एक विवेकशील प्राणी है. वह विचार और भावों में संतुलन रखकर समूची मानवता के कल्याण के लिए कार्य कर सकने में सक्षम है|

यह भी पढे – फुस्स बुद्ध – Fuss Buddha

उसका अस्तित्व ही उसकी विवेकशीलता पर निर्भर करता है|

आंतकवाद मनुष्य के इसी विवेक का हरण कर लेता है|

उसे विवेक्शुन्य कर देता है और वह अपनी मानवता से हाथ झाड़कर हिंसक और क्रूर कर्मों में लिप्त हो जाता है|

पशु के स्तर पर उतार जाता है|

आंतकवाद चाहे जिस देश में पनपे, वह स्मूची मानवता के लिए अभिशाप है|

यदि मनुष्य को मनुष्य बने रहना है तो इस आंतकवाद को समाप्त करना ही होगा|

यह भी पढे – ताबूत – Coffin

समस्या हीन जीवन, जीवन नहीं मरण है और उन समस्याओं के नीराकरण की ओर प्रवृत्त होना अस्लीजीवन है|

आंतकवादी कार्यवाइयों से आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है|

यदि इस प्रकार की सोच पैदा हो जाए तो आंतकवाद जन्म ही ना ले, किंतु क्या इस प्रकार की सोच कभी जन्म लेगी?

Note:- इन कहानियों मे प्रयोग की गई सभी तस्वीरों को इंटरनेट से गूगल सर्च और बिंग सर्च से डाउनलोड किया गया है।

Note:-These images are the property of the respective owner. Hindi Nagri doesn’t claim the images.

यह भी पढे –

सभी कहानियों को पढ़ने के लिए एप डाउनलोड करे/ Download the App for more stories:

Get it on Google Play